उत्तर प्रदेश में इस समय योगी सरकार किसी माफियों का गुंडों को नहीं बल्कि भेड़ियो को पकड़ने व मारने में लगी है भेड़ियो को पकड़ने के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है लेकिन फिर भी नहीं तो भेड़ियो पकड़ में आ रहा है और नहीं ही इनका आतंक काम हो रहा है बहराइच और सीतापुर में भेड़ियो केआतंक के कारण पुरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है और इसी बिच मजबूर होकर सरकार ने भेड़ियो को गोली मारने का आदेश दे दिया है भेड़ियो का आतंक अचानक इतना क्यों फैला आइये जानते है
भेड़ियो में हमेशा बदला लेने की परवर्ती होती है और संभवतः पहले इंसानो ने पहले उनके बच्चो को को नुकसान पहुंचाया होगा और इसी के प्रतिशोध में वह इंसानो के बच्चो पर हमला कर रहे है
अब तक बहराइच 8 की मौत और 36 से ज्यादा घायल बहराइच के महसी तहसील के क्षेत्र लोग मार्च से भेड़ियो केआतंक का सामना कर रहे है और बरसात के मौसम में भेड़ियो के आतंक और बढ़ गया और जुलाई माह से लेकर सोमवार रात तक इन हमलों से सात बच्चों सहित कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित करीब 36 लोग घायल भी हुए हैं
बहराइच से पहले उत्तर प्रदेश में भेड़ियो ने ऐसा हमला तीन दशकों पहले किया था और उस समय प्रतापगढ़ सुल्तानपुर और जौनपुर वाले इलाके में रहस्यमयी तरीको से गांव में बच्चे मर रहे थे आइये जानते है उस कहानी को जिसने उस समय पुरे देश को हिला के रख दिया था
क्या थी भेड़ियो के आतंक की कहानी
पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ सुल्तानपुर और जौनपुर में साल 1996 में मार्च से अक्टुम्बर महीने तक भेड़ियो का आतंक था उस समय तीनो जिलों में 30 से ज्यादा बच्चो की मौत हुई थी हर तीसरे दिन भेड़िया हमला करता था और हर पाचवे दिन 1 बच्चे की मौत हो जाती थी उस समय हतियार भेड़िया इतना बेफ्रिक हो गया था की दिन में भी बच्चो को उठा लेता था और ये हमला उस समय हो रहा था जिस टाइम नहीं तो अर्टिफिकल इंटेलिजेंस था और न ही सोशल मिडिया था और उस समय ये तीनो जिले आर्थिक रूप से बहुत कमजोर थे अंधविश्वास का स्तर बहुत ज्यादा था और यह से स्थानीय लोग इस कोई मनई का काम कहते थे को वो आता है और बच्चो को मर कर जाता है और इस कारण गांव में बहार को कोई इंसान जाता ही नहीं था क्युकी वह के लोग उस मनई समज कर मार देते थे और इस वजह से तीनो गांव में आपसी दुश्मनी थी
यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियो के आतंक बरकरार है लेकिन ये आतंक जल्द खत्म हो जाएगा.इस बार ये आश्वासन वन विभाग ने नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है.सीएम योगी ने दो ऑपशन बताएं हैं पहला भेड़ियों को जिंगा पकड़ने का और दूसरा उनके एनकाउंटर का.योगी के इस आदेश के बाद बहराइच में प्रशासन और वनविभाग हर उस लोकेशन पर एक्टिव हो गया है जहां भेड़ियों के आहट के संकेत मिल रहे हैं.आखिर माफिया फॉर्मूला भेड़ियों पर क्यों इस्तेमाल करने को योगी आदित्यनाथ ने क्यों कहा क्युकी वहा के लोगो में भेड़ियो के को लेकर चिंता और आक्रोश है वह के लोग खौफ के बिच रात रात भर जाग रहे है वह सरकार के भरोशे नहीं है वह खुद इस भेड़ियो के आतंक को ख़तम करने में लगे हुए है उनको डर है की कई भेड़िय उनके बच्चो को भी नहीं उठा ले लोग थाली बजा रहे है पहरा दे रहे है बच्चो को स्कूल जाने से भी मना कर रखा है लेकिन इस बार आश्वासन वन विभाग ने नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है